उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता गुलफाम सिंह यादव की हत्या कर दी गई। यह घटना न केवल राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला रही है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर रही है कि क्या राजनीतिक हिंसा एक नई चुनौती बनती जा रही है? गुलफाम सिंह यादव तीन दशक से राजनीति में सक्रिय थे और उनकी पत्नी जावित्री देवी लगातार तीन बार से गांव की प्रधान रह चुकी हैं।
घटना का विवरण
गुलफाम सिंह यादव की हत्या की घटना उनके घर में हुई। बताया जा रहा है कि कुछ बाइक सवार युवकों ने उनके घर में घुसकर उन्हें जहर का इंजेक्शन लगाया। इसके बाद आरोपी घटनास्थल से फरार हो गए। गुलफाम सिंह यादव को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गुलफाम सिंह यादव का राजनीतिक सफर
गुलफाम सिंह यादव तीन दशक से राजनीति में सक्रिय थे और उन्होंने क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। वह बीजेपी के एक प्रमुख नेता थे और उनकी पत्नी जावित्री देवी लगातार तीन बार से गांव की प्रधान रह चुकी हैं। उनके परिवार का राजनीति में गहरा प्रभाव था और उनकी हत्या ने न केवल उनके परिवार को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पूरे क्षेत्र में सदमे की लहर दौड़ गई है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आरोपियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों का सहारा लिया है। हालांकि, अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि वे जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने के लिए कड़ी कार्रवाई करेंगे।
राजनीतिक हिंसा का सवाल
यह घटना राजनीतिक हिंसा के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश में कई राजनीतिक नेताओं की हत्या हुई है, जिसने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। गुलफाम सिंह यादव की हत्या ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनीतिक विरोधियों के बीच हिंसा एक नई रणनीति बनती जा रही है?
परिवार और समर्थकों का गुस्सा
गुलफाम सिंह यादव की हत्या के बाद उनके परिवार और समर्थकों में गुस्सा है। उनका कहना है कि यह हत्या एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। उनके समर्थकों ने प्रशासन से मांग की है कि वह जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करके उन्हें सख्त सजा दिलाए।