मुंबई के प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अस्पताल परिसर में हुई खुदाई के दौरान फर्श के नीचे इंसानी हड्डियां और बालों से भरे कलश मिले हैं। यह खुलासा तब हुआ जब अस्पताल को चलाने वाले ट्रस्ट ने पूर्व ट्रस्टियों पर 1,250 करोड़ रुपये की धांधली के आरोप लगाए। इस मामले ने न सिर्फ वित्तीय घोटाले की बात सामने रखी है, बल्कि कालाजादू और अंधविश्वास से जुड़े रहस्यों को भी उजागर किया है।
क्या है पूरा मामला?
लीलावती अस्पताल को चलाने वाले ट्रस्ट ने पूर्व ट्रस्टियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि पूर्व ट्रस्टियों ने अस्पताल के फंड में हेराफेरी करके करोड़ों रुपये हड़प लिए। इस मामले की जांच के दौरान अस्पताल परिसर में खुदाई की गई, जहां फर्श के नीचे इंसानी हड्डियां और बालों से भरे कलश मिले। यह खुलासा होते ही मामला और भी रहस्यमय हो गया है।
क्या है कालाजादू का कनेक्शन?
फर्श के नीचे मिले इंसानी हड्डियां और बालों से भरे कलश ने कालाजादू और तांत्रिक क्रियाओं की आशंका को जन्म दिया है। कालाजादू एक प्रकार का जादू-टोना माना जाता है, जिसमें अक्सर इंसानी अवशेषों का इस्तेमाल किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कलश किसी तांत्रिक क्रिया का हिस्सा हो सकते हैं, जिसका उद्देश्य अस्पताल के संचालन में बाधा डालना या किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना हो सकता है।
ट्रस्ट की प्रतिक्रिया
लीलावती अस्पताल ट्रस्ट ने इस मामले पर गंभीरता से प्रतिक्रिया दी है। ट्रस्ट के प्रवक्ता ने कहा कि यह घटना बेहद चिंताजनक है और इसकी पूरी तरह से जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व ट्रस्टियों पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस की जांच
मुंबई पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि फर्श के नीचे मिले इंसानी अवशेषों की जांच की जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि यह कलश किस उद्देश्य से दबाए गए थे। साथ ही, पुलिस पूर्व ट्रस्टियों से पूछताछ कर रही है ताकि वित्तीय घोटाले और कालाजादू के बीच संबंध का पता लगाया जा सके।
स्थानीय लोगों और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने अस्पताल के आसपास के इलाके में दहशत फैला दी है। स्थानीय लोग और अस्पताल के कर्मचारी इस घटना से स्तब्ध हैं। कई लोगों ने इसे अंधविश्वास और काले जादू से जोड़कर देखा है। कुछ लोगों का कहना है कि अस्पताल में पहले भी अजीबोगरीब घटनाएं होती रही हैं, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया था।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
तांत्रिक क्रियाओं और काले जादू के विशेषज्ञों का कहना है कि इंसानी हड्डियों और बालों का इस्तेमाल अक्सर नकारात्मक ऊर्जा फैलाने या किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि लीलावती अस्पताल में यह कलश किस उद्देश्य से दबाए गए थे।
आगे की कार्रवाई
लीलावती अस्पताल ट्रस्ट ने इस मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया है। साथ ही, पुलिस और फॉरेंसिक टीम इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस रहस्यमय मामले का अंत क्या होता है और क्या वित्तीय घोटाले और कालाजादू के बीच कोई संबंध सामने आता है।