AMU में चंद्रशेखर आजाद के कार्यक्रम के दौरान हंगामा, छात्रों से हुई तीखी नोकझोंक
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में शुक्रवार को टीचर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद शामिल हुए। इस आयोजन को उनके लिए मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी बात रखने के एक और अवसर के रूप में देखा जा रहा था। हालांकि, कार्यक्रम के दौरान माहौल तब गर्मा गया जब एक छात्र अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और चंद्रशेखर से सवाल करने लगा। देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई और बात धक्का-मुक्की तक पहुंच गई।
छात्र का आरोप और वीडियो से बढ़ा विवाद
विवाद की शुरुआत तब हुई जब छात्र ने अपने मोबाइल में एक वीडियो दिखाते हुए चंद्रशेखर आजाद पर सवाल दागे। उसका आरोप था कि चंद्रशेखर मुस्लिम समाज को भ्रमित कर रहे हैं और उनकी विचारधारा दक्षिणपंथ से प्रेरित है। उसने उनके मंदिर निर्माण को लेकर दिए गए कथित बयान का जिक्र करते हुए उन पर निशाना साधा। वीडियो में छात्र उन्हें घेरने का प्रयास करता नजर आया, लेकिन चंद्रशेखर अपनी बात पर अडिग रहे।
आयोजकों और उनके समर्थकों ने स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन छात्र पीछे हटने को तैयार नहीं था। इसके बाद, चंद्रशेखर के समर्थकों और छात्रों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जो धीरे-धीरे टकराव में बदल गई।
“मेरा संघर्ष सत्ता के खिलाफ” – चंद्रशेखर आजाद
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा, “मेरा संघर्ष इन लोगों से नहीं, बल्कि सत्ता में बैठे उन लोगों से है जो अन्याय फैला रहे हैं। तमाम मुश्किलों के बावजूद, मैं तब तक लड़ाई जारी रखूंगा जब तक देश में संविधान की हुकूमत पूरी तरह स्थापित नहीं हो जाती।”
दलित-मुस्लिम एकता की कोशिशों में जुटे चंद्रशेखर
चंद्रशेखर आजाद इन दिनों दलित और मुस्लिम समुदाय के बीच राजनीतिक एकता को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान के परिवार के साथ उनकी करीबी भी सुर्खियों में रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि चंद्रशेखर इस गठजोड़ को सफलतापूर्वक साध लेते हैं, तो यह सपा और अखिलेश यादव की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
मथुरा में भी हुआ था विवाद
अलीगढ़ आने से पहले, चंद्रशेखर आजाद मथुरा के एक दलित परिवार से मिलने गए थे, जिनकी बेटियों की शादी दबंगों के हस्तक्षेप के कारण टूट गई थी। उनकी पार्टी आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी का दावा है कि जब वे वहां से लौट रहे थे, तो उनके काफिले पर हमला किया गया। हालांकि, पुलिस ने इस दावे को खारिज कर दिया।
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