महाराष्ट्र में ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस (जीबीएस) संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके चलते अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। यह संक्रमण नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अलर्ट जारी किया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
जीबीएस संक्रमण क्या है?
ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस (जीबीएस) एक प्रकार का बैक्टीरिया है, जो आमतौर पर मानव शरीर में पाया जाता है। यह बैक्टीरिया आंत, गले और जननांग क्षेत्र में मौजूद हो सकता है। हालांकि, यह बैक्टीरिया गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर गर्भवती महिला इस बैक्टीरिया से संक्रमित होती है, तो यह शिशु को जन्म के दौरान प्रभावित कर सकता है।
महाराष्ट्र में स्थिति
महाराष्ट्र के कई जिलों में जीबीएस संक्रमण के मामले सामने आए हैं। अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकतर नवजात शिशु और गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अलर्ट जारी किया है। विभाग ने अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिया है कि वे संक्रमण के मामलों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए तत्परता से काम करें।
संक्रमण के लक्षण
जीबीएस संक्रमण के लक्षणों में शामिल हैं:
– बुखार
– सांस लेने में तकलीफ
– शरीर में कमजोरी
– त्वचा पर रैशेज
– नवजात शिशुओं में सुस्ती और खाने में कमी
संक्रमण से बचाव के उपाय
- गर्भवती महिलाओं की जांच: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की नियमित जांच करना जरूरी है।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: संक्रमण से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- तुरंत इलाज: अगर किसी में संक्रमण के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- जागरूकता फैलाएं: लोगों को इस संक्रमण के बारे में जागरूक करना जरूरी है।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए कई कदम उठाए हैं। विभाग ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे संक्रमण के मामलों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए तत्परता से काम करें। साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
“स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है, इसलिए संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क रहें और जागरूक बनें।”