छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने आज एक बड़ी कार्रवाई की। यह छापेमारी वित्तीय अनियमितताओं (Financial Irregularities) और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मामले में की गई। हालांकि, जब ED की टीम छापेमारी करके लौट रही थी, तो उन पर भीड़ ने हमला कर दिया और अधिकारियों की गाड़ियों पर पत्थर फेंके गए। यह घटना राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया है और सवाल खड़े कर रही है कि क्या यह एक राजनीतिक विवाद (Political Controversy) का हिस्सा है?
छापेमारी का कारण
ED की टीम ने भूपेश बघेल के घर पर छापेमारी वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के आधार पर की। यह कार्रवाई एक बड़े जांच अभियान (Investigation) का हिस्सा है, जिसमें कई राजनीतिक नेताओं और व्यापारियों को शामिल किया गया है। ED का कहना है कि उन्हें भूपेश बघेल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज (Documents) और सबूत (Evidence) मिले हैं, जो वित्तीय धोखाधड़ी (Financial Fraud) की ओर इशारा करते हैं।
ED की टीम पर हमला
जब ED की टीम छापेमारी करके लौट रही थी, तो उन पर एक भीड़ ने हमला कर दिया। भीड़ ने अधिकारियों की गाड़ियों पर पत्थर फेंके और उन्हें रोकने की कोशिश की। इस हमले में कुछ ED अधिकारी घायल भी हो गए। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में तूफान ला दिया है। भूपेश बघेल के समर्थकों का कहना है कि यह छापेमारी एक राजनीतिक साजिश (Political Conspiracy) है और इसे उनके खिलाफ बदनाम करने के लिए किया गया है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई का समर्थन किया है और कहा है कि यह भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ एक सख्त कदम है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने हमलावरों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) और गवाहों के बयानों का सहारा लिया है। हालांकि, अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि वे जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने के लिए कड़ी कार्रवाई करेंगे।