उत्तर प्रदेश में लड़कियों की खरीद-फरोख्त का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दलाल गरीब परिवारों की बेटियों को 1.5 लाख से 5 लाख रुपये तक में बेच रहे हैं। इस गहरी जड़ें जमा चुके अवैध धंधे का खुलासा होने के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि लड़कियों के शरीर की बनावट, उम्र और रंग-रूप के आधार पर उनका रेट तय किया जाता है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इन लड़कियों को सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान बॉर्डर तक शादी के नाम पर भेजा जा रहा है।
कैसे हो रही सौदेबाजी?
गांवों और छोटे कस्बों में रहने वाले गरीब परिवार इस गिरोह के सबसे आसान शिकार बन रहे हैं। दलाल पहले परिवारों को अच्छी शादी और खुशहाल भविष्य का सपना दिखाते हैं। फिर रुपयों का लालच देकर बेटियों की शादी दूर-दराज के इलाकों में करवाते हैं, जहां बाद में उन्हें घरेलू नौकर, बंधुआ मजदूर या देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया जाता है।
सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और नेपाल बॉर्डर से लेकर पाकिस्तान बॉर्डर तक फैला हुआ है। कुछ मामलों में तो फर्जी कागजात बनवाकर लड़कियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भेजा जा रहा है।
लड़कियों की कीमत कैसे तय होती है?
इस गंदे धंधे में लड़कियों की कीमत उनके रूप-रंग, उम्र और शरीर की बनावट के आधार पर तय की जाती है।
- 1.5 से 2 लाख रुपये: सांवली या कमजोर लड़कियां
- 2.5 से 3.5 लाख रुपये: सामान्य लुक और स्वास्थ्य
- 4 से 5 लाख रुपये: गोरी और खूबसूरत लड़कियां
इन सौदों को अक्सर गरीब माता-पिता के आर्थिक हालात और मजबूरी का फायदा उठाकर अंजाम दिया जाता है।
पाकिस्तान बॉर्डर तक दलालों की पहुंच
जांच में सामने आया है कि कुछ शादी के नाम पर लड़कियों को पाकिस्तान बॉर्डर तक ले जाया जा रहा है। यहां उनसे निकाह करवा दिया जाता है और बाद में उनकी स्थिति दयनीय हो जाती है। इस काले कारोबार में कई संगठित गिरोह शामिल हैं, जो सरकारी एजेंसियों से बचते हुए इसे अंजाम दे रहे हैं।
प्रशासन की कार्रवाई और जागरूकता की जरूरत
पुलिस और प्रशासन अब इस मामले की तह तक जाने में जुटा है। कई जगहों पर छापेमारी कर दलालों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन यह धंधा अभी भी जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि गरीब परिवारों को जागरूक करने और कड़े कानून लागू करने की सख्त जरूरत है, ताकि इस अमानवीय कृत्य पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।